"मधुश्रावणी" नवविवाहिता मैथिलानी द्वारा मनाओल जाय बला सभ सँ प्रमुख पाबनि अछि। साओन मास कृष्ण पक्ष पंचमी ( मौना पंचमी ) सँ प्रारम्भ भ' शुक्ल पक्ष तृतीया धरि पवनैतिन द्वारा पहिने दिनुक लोरहल बासि फूल सँ माता गौरी, शिव ओ बिषहरि केर पूजा अर्चना कायल जाइत अछि। पवनैतिन प्रत्येक दिन भिन्न भिन्न जेना मौना पंचमी, मंगला गौरी, पृथ्वी जन्म, शिव विवाह, गंगा कथा, बिहुला कथा, बाल बसंत सहित अन्यान्य निर्धारित कथाक श्रवण करैत अपन वर कें दीर्घायु ओ आजीवन प्रेमसँ वशीभूत रहबाक कामना करैत छथि।
मिथिला हाट द्वारा प्रस्तुत एहि पैकेजमेँ अंतिम दिन अर्थात मधुश्रावणी पूजन हेतु सभ सामग्री जेना बाँसक सामग्री, मधुबनी पेन्टिंग कएल माटिकें सामग्री एवं सकल पूजन प्रयोजनीय बस्तु सम्मिलित अछि।